Bank Minimum Balance Rule: सभी बैंक के खाता धारकों के लिए मिनियन बैलेंस को नई नियम लागू

Bank Minimum Balance Rule: नया नियम और खाताधारकों पर असर Bank Minimum Balance Rule: आजकल लगभग हर किसी का बैंक में खाता होता है और हम सब यह सोचकर निश्चिंत रहते हैं कि खाते में चाहे जितना पैसा हो बैंक सुरक्षित रखेगा। लेकिन अक्सर लोगों को तब झटका लगता है जब खाते से अचानक पेनल्टी कट जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण होता है मिनिमम बैलेंस का नियम। हाल ही में आरबीआई और बैंकों की ओर से नए अपडेट आए हैं जिनके बारे में हर खाताधारक को जानना जरूरी है।

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मिनिमम बैलेंस क्या है?

मिनिमम बैलेंस का मतलब है कि आपके बैंक खाते में हमेशा तय की गई एक न्यूनतम राशि होना जरूरी है। अगर खाते में यह रकम नहीं रहती तो बैंक आपके खाते से चार्ज या पेनल्टी काट लेता है।

आईसीआईसीआई बैंक का नया नियम

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अगर आपका खाता आईसीआईसीआई बैंक में है तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पहले इस बैंक में बचत खाते के लिए न्यूनतम बैलेंस 10000 रुपये रखा गया था। लेकिन अब इसे बढ़ाकर सीधे 50000 रुपये कर दिया गया है। यह नियम 1 अगस्त 2025 से लागू हो चुका है। यानी अब अगर आपके खाते में 50000 रुपये से कम रहेंगे तो पेनल्टी लग सकती है। यह बदलाव खासकर मेट्रो और बड़े शहरों में रहने वालों के लिए लागू किया गया है।

अन्य बैंकों का मिनिमम बैलेंस

ICICI बैंक ने मेट्रो में MAB 10000 से बढ़ाकर 50000 रुपये किया, जबकि SBI, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक, PNB, बैंक ऑफ बड़ौदा ने न्यूनतम बैलेंस नियम हटा दिए हैं.वहीं प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाते, ग्रामीण बैंक और कोऑपरेटिव बैंक में अभी भी जीरो बैलेंस की सुविधा है। यानी ऐसे खातों में एक भी पैसा न होने पर भी कोई पेनल्टी नहीं लगेगी।

आरबीआई का नया नियम

आरबीआई के अनुसार अगर खाते में तय बैलेंस से कम रकम रहती है तो खाता नेगेटिव हो जाता है। जैसे ही ग्राहक पैसे जमा करता है बैंक पेनल्टी काट लेता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपके खाते पर 1000 रुपये की पेनल्टी है और आप 5000 रुपये जमा करते हैं तो बैंक सीधे 1000 रुपये काट लेगा और आपके पास केवल 4000 रुपये बचेंगे।

पेनल्टी और वसूली के आंकड़े

साल 2018 के बाद से अब तक बैंकों ने ग्राहकों से भारी-भरकम रकम पेनल्टी और चार्ज के नाम पर वसूली है। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार

  • मिनिमम बैलेंस न रखने की वजह से करीब 22004 करोड़ रुपये वसूले गए।
  • एटीएम ट्रांजैक्शन लिमिट से ज्यादा निकासी करने पर 8289 करोड़ रुपये लिए गए।
  • एसएमएस सर्विस चार्ज के नाम पर करीब 6294 करोड़ रुपये काटे गए।

यह आंकड़े बताते हैं कि आम लोगों की जेब पर कितना बड़ा बोझ पड़ा है।

ग्राहक कैसे बच सकते हैं

ग्राहकों को चाहिए कि बैंक की तरफ से भेजे गए हर एसएमएस और ईमेल को ध्यान से पढ़ें। खाते में हमेशा कम से कम तय की गई राशि जरूर रखें। अगर बैंक किसी कारणवश खाता बंद करने की प्रक्रिया शुरू करता है तो खाताधारक या उसके नॉमिनी से पहले संपर्क किया जाता है। इसीलिए समय पर अपडेट पर ध्यान देना जरूरी है।

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