Petrol Diesel Lpg gas price: 1 सितंबर से पेट्रोल डीजल के साथ गैस सिलेंडर हुआ सस्ता जाने ताजा रेट

 

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Petrol Price 1 September: देश में पेट्रोल डीजल की कीमतें हमेशा आम जनता के लिए बड़ी खबर बनकर सामने आती हैं क्योंकि इनका सीधा असर हर परिवार के बजट पर पड़ता है। जब भी तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो लोगों की जेब पर बोझ और बढ़ जाता है, वहीं अगर कीमतों में राहत मिलती है तो लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौट आती है। अब 1 सितम्बर 2025 से भारत में पेट्रोल की कीमतों को लेकर चर्चा तेज है और माना जा रहा है कि सरकार इस बार उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दे सकती है।

1 सितम्बर से पेट्रोल कीमतों में संभावित बदलाव

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खबरों के मुताबिक 1 सितम्बर 2025 से पेट्रोल के दामों में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है। पिछले दो महीनों से लगातार अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में उतार चढ़ाव हो रहा है। इसी कारण भारत में भी तेल कंपनियों को कीमतों में संशोधन करना पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार पेट्रोल के दामों में 2 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती हो सकती है। हालांकि अंतिम फैसला सरकार और ऑयल मार्केटिंग कंपनियां ही करेंगी।

भारतीय उपभोक्ताओं पर असर

अगर पेट्रोल के दाम घटते हैं तो इसका सीधा फायदा हर उपभोक्ता को मिलेगा। रोजाना ऑफिस जाने वाले लोगों से लेकर टैक्सी और ऑटो रिक्शा चलाने वाले ड्राइवर तक सभी को राहत महसूस होगी। घर का बजट भी कुछ हल्का होगा और लोग यह सोच पाएंगे कि आखिरकार लंबे समय बाद पेट्रोल पर खर्च थोड़ा कम हो गया है।

1 सितंबर से संभावित डीजल रेट

भारत में 1 सितंबर से डीजल की नई कीमतें लागू होंगी। अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि डीजल के दाम बढ़ेंगे या घटेंगे लेकिन ऑयल कंपनियों और सरकारी समीक्षा के बाद ही इसका ऐलान होगा। पिछले कुछ महीनों से डीजल की कीमतों में कई बार बदलाव देखने को मिला है। अगस्त के आखिरी पखवाड़े में दाम स्थिर रहे जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली लेकिन सितंबर से फिर बदलाव हो सकता है।

डीजल की कीमत का असर आम जनता पर

डीजल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा परिवहन और कृषि क्षेत्र में होता है। जब डीजल महंगा होता है तो इसका असर बस, ट्रक और ट्रेन के किराए पर भी दिखाई देता है। किसानों को भी अपने खेतों में डीजल की जरूरत पड़ती है इसलिए दाम बढ़ने से खेती की लागत बढ़ जाती है। वहीं दूसरी ओर डीजल सस्ता होने से ट्रांसपोर्ट खर्च घटता है और रोजमर्रा की चीजें थोड़ी किफायती हो जाती हैं।

डीजल कीमत और व्यापार

व्यापारिक गतिविधियों पर भी डीजल की कीमतों का बड़ा असर पड़ता है। जब डीजल महंगा होता है तो माल ढुलाई खर्च बढ़ता है और इसका असर छोटे और बड़े दोनों व्यापारियों पर पड़ता है। अगर कीमतें कम हों तो व्यापारियों को राहत मिलती है और वस्तुएं भी ग्राहकों तक उचित दाम पर पहुंचती हैं।

एलपीजी सिलेंडर हुआ सस्ता

आज से घरेलू एलपीजी सिलेंडर 14.2 किलो पर करीब 90 रुपए तक की कटौती देखने को मिली है। वहीं 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में भी करीब 15 से 16 रुपए की गिरावट की गई है। यह बदलाव पूरे देश में लागू होगा और सभी उपभोक्ताओं को कम दाम पर सिलेंडर मिलेगा। पहले जहां गैस सिलेंडर पर 800 से लेकर 1000 रुपए तक खर्च करना पड़ता था वहीं अब यह कुछ सस्ता मिल पाएगा।

उज्ज्वला योजना में सब्सिडी का फायदा

महिलाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत 300 रुपए की सब्सिडी देने का एलान किया है। यानी यदि किसी महिला उपभोक्ता को 900 रुपए का गैस सिलेंडर खरीदना है तो सरकार की ओर से सीधे खाते में 300 रुपए वापस आ जाएंगे। इससे सिलेंडर की वास्तविक कीमत केवल 600 रुपए पड़ेगी।

वहीं जिन लोगों के पास उज्ज्वला योजना का कनेक्शन नहीं है उन्हें भी 100 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। यह पैसा भी सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। यानी अब हर वर्ग के उपभोक्ताओं को महंगाई से कुछ हद तक राहत मिलेगी।

अलग अलग शहरों में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत

  • पटना में 939 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • दिल्ली में 897 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • मेरठ में 855 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • बेंगलुरू में 844.25 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • हैदराबाद में 905.25 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • आगरा में 865.50 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • गाजियाबाद में 855.75 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • गुरुग्राम में 865.25 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • वाराणसी में 926.50 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • भोपाल में 854.75 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • लुधियाना में 853.35 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • पुणे में 852.27 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • मुंबई में 844.47 रुपए प्रति सिलेंडर।
  • अहमदाबाद में 864.50 रुपए प्रति सिलेंडर।

आम लोगों को बड़ी राहत

देश के करीब 80 प्रतिशत घरों में एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल होता है। महंगाई के बीच रोजमर्रा की चीजें जैसे सब्जी और राशन खरीदना ही मुश्किल हो गया है। ऐसे में गैस सिलेंडर के दाम कम होना घर के बजट को थोड़ा संतुलित कर सकता है। जिन परिवारों को हर महीने गैस खरीदना पड़ता है उनके लिए यह राहत किसी खुशखबरी से कम नहीं है।

 

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